Arvind Kejriwal Bail: जेल से तो छूट गये है Arvind Kejriwal, लेकिन नहीं कर सकते ये 4 काम, जाने पूरी जानकारी

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले के मामले में राहत मिली है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान की है, जिसके तहत वे 1 जून 2024 तक न्यायिक हिरासत से मुक्त रहेंगे। इस अवधि के दौरान श्री केजरीवाल आगामी चुनावों के लिए प्रचार अभियान में भाग ले सकेंगे। शीर्ष अदालत ने यह निर्णय उनके जमानत आवेदन पर सुनवाई करने के बाद दिया।

Arvind Kejriwal Interim Bail

अक्षय तृतीया का पर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के लिए शुभ साबित हुआ। कथित मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से आगामी चुनावों के लिए प्रचार करने की अंतरिम अनुमति मिल गई। शुक्रवार शाम को तिहाड़ जेल से रिहा होने पर, उनका पार्टी कार्यकर्ताओं और परिजनों ने जोरदार स्वागत किया। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल पर कुछ नियमों और शर्तों को लागू किया है, जिनका उन्हें अंतरिम जमानत अवधि में पालन करना होगा।

Arvind Kejriwal has been released from jail, but cannot do these 4 things

इस निर्णय से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अपने शीर्ष नेता की अनुपस्थिति में वह चुनाव प्रचार अभियान को गति देने में संघर्ष कर रही थी। कोर्ट ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय जाने से रोक दिया है। अन्य शर्तों में से एक है कि उन्हें जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह सहयोग करना होगा। प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, और तब से वे न्यायिक हिरासत में थे। पहले आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।

जेल से तो छूट गये है Arvind Kejriwal, लेकिन नहीं कर सकते ये 4 काम

अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा होने के बावजूद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण प्रतिबंध लगाए हैं।

  • पहला, उन्हें मुख्यमंत्री के नाते अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय जाने की अनुमति नहीं होगी।
  • दूसरा, वे किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेंगे, सिवाय उस स्थिति के जब उपराज्यपाल का मानना हो कि मुख्यमंत्री की मुहर अनिवार्य है।
  • तीसरा, उन्हें निरस्त आबकारी नीति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े गवाहों से बातचीत करने की अनुमति नहीं होगी।
  • चौथा, अंतरिम जमानत अवधि के दौरान उन्हें इन शर्तों का पालन करना होगा।

इस तरह, सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत की अवधि में केजरीवाल के सरकारी कामकाज को प्रतिबंधित करने वाली कड़ी शर्तें लगाई हैं, जिनका पालन उन्हें करना होगा।

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